The सफेद मूसली के लाभ Diaries
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यह शरीर की ऊर्जा बढ़ाकर कमजोरी को दूर करती है। ताकत की जो दवाएं बनती है उनमें भी सफेद मूसली का प्रयोग किया जाता है।
सफेद मूसली की गांठ वाली जड़ें और बीजों का इस्तेमाल औषधि के रुप में सबसे ज्यादा किया जाता है। आमतौर पर सफेद मूसली का उपयोग सेक्स संबंधी समस्याओं के लिए अधिक होता है लेकिन इसके अलावा सफेद मूसली का इस्तेमाल आर्थराइटिस, कैंसर, मधुमेह (डायबिटीज),नपुंसकता आदि रोगों के इलाज में और शारीरिक कमजोरी दूर करने में भी प्रमुखता से किया जाता है। कमजोरी दूर करने की यह सबसे प्रचलित आयुर्वेदिक औषधि है। जानवरों पर किये एक शोध में इस बात की पुष्टि हुई है कि इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं साथ ही यह सेक्स संबंधी गतिविधि को बढ़ाती है और टेस्टोस्टेरोन जैसे प्रभाव वाले सेक्स हार्मोन का स्तर बढ़ाती है।
दिन में दो बार आधा-आधा चम्मच मूसली पाक ले सकते है।
सफ़ेद मुसली बहुत से रोगों का उपचार करने के काम आती है। आप भी अगर इसका सेवन करते है तो कई प्रकार के स्वास्थ्य लाभ प्राप्त कर सकेंगे। जानिए सफेद मूसली के फायदे।
खुराक को जानने के बाद अब हम सफेद मूसली खाने के तरीके के बारे में बात करेंगे।
जिन लोगो को अत्यधिक थकान रहती है और काम करने में मन नहीं करता, हर वक्त थके थके से महसूस करते है, वह इस योग से लाभ ले सकते है।
अगर आप ऑयली बालों से परेशान हैं, तो बालों की रूटस में कॉटन से अल्कोहल को अप्लाई करें। इससे वो बालों में मौजूद ऑयल को सोख लेती है और बाल मज़बूत व शाइनी बनते हैं। इसके बाद बालों में लीव इन कंडीशनर लगाकर छोड़ दें। बाल एकदम हेल्दी और चमकदार लगने लगेंगे।
यह मधुमेह और उच्च रक्तचाप के रोगियों के लिए फायदेमंद होती है।
एक मजबूत कामोत्तेजक होने के अलावा, सफ़ेद मुसली का उपयोग प्रतिरक्षा को बढ़ावा देने में भी शामिल हो सकता हैं। यह शरीर को बीमारियों से लड़ने की एक बढ़ी हुई क्षमता प्रदान कर सकता हैं। यह संक्रमण से लड़ने और आपको स्वस्थ रखने में भी मदद कर सकता हैं।
योग और फिटनेस फिटनेस के तरीके योग अध्यात्म बजन बढ़ाना वजन घटाना
आयुर्वेदिक गुणों के अनुसार यह देरी से पचने वाली है और कफ बढ़ाती है।
सफेद मूसली उन डायबिटिक लोगों के लिए ज्यादा फायदेमंद होती है जो पतले या कम बजन बाले होते है। यह मोटे लोगों के लिए कम प्रभावी होता है। पतले और कमजोर डायबिटिक लोगों को प्रतिदिन आधा चम्मच सफेद मूसली पाउड़र दूध के साथ लेना चाहिए। यह उनके खून में चीनी की मात्रा को नियंत्रित करने में मदद get more info करता है। (और पढ़े – शुगर ,मधुमेह लक्षण, कारण, निदान और बचाव के उपाय)
(ख) मूसली को गीला करके उसका छिलका उतारना - प्राय: ग्रामीण क्षेत्रों में जहाँ जंगलों से मूसली एकत्रित की जाती है, कच्ची मूसली को जंगल से उखाड़ने के उपरान्त उनका ढेर लगा दिया जाता है तथा उन पर प्रतिदिन पानी का हल्का-हल्का छिड़काव किया जाता है। कुछ समय के उपरान्त यह मूसली या तो स्वयं ही छिलका छोड़ने लगती है या इसे आसानी से मसल कर छिलका निकाल दिया जाता है। यह विधि विशेष रूप से जंगलोंसे उखाड़ी हुई कच्ची मूसली का छिलका उतारने के लिए उपयोगी हो सकती है। परन्तु इस विधि से पूर्णतया पकी हुई मूसली से छिलका उतारने का सुझाव देना शायद उपयुक्त नहीं होगा।
इसको नियमित तौर पर बालों में अप्लाई करने से बाल टूटने की समस्या अपने आप दूर हो जाती है।